दिल्ली से पत्नी के साथ जा रहे थे प्रयागराज, जीआरपी स्टाफ दिखा नहीं, कैटरिंग वाला आया नहीं
नई दिल्ली। ट्रेन में सफर के दौरान आम यात्रियों को होने वाली दिक्कत का सामना इलाहबाद हाईकोर्ट के जज को भी करना पड़ा। वे पत्नी के साथ दिल्ली से प्रयागराज के लिए यात्रा कर रहे थे। रेलवे की अव्यवस्था से खफा होकर उन्होंने NORTH CENTRAL RAILWAY के जनरल मैनेजर को आदेशित किया है कि उनको हुई दिक्कत पर जवाब देने के लिए रेलवे के अधिकारी, जीआरपी और केटरिंग मैनेजर का स्पष्टीकरण पेश किया जाए।

हुआ यूं कि डॉ. जस्टिस गौतम चौधरी सपत्नीक आठ जुलाई को प्रयागराज जाने के लिए दिल्ली से ट्रेन संख्या 12802, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में सवार हुए थे। उनकी ट्रेन तीन घंटे से भी ज्यादा विलंब से थी। कई मर्तबा टीटीई से भी कहा, लेकिन कोच में कोई जीआरपी का जवान नहीं दिखाई दिया। ट्रेन में देरी के कारण रिफ्रेशमेंट भी उपलब्ध नहीं था। इसके लिए कई मर्तबा पेंट्रीकार कर्मचारी से कहा गया, किसी ने नहीं सुनी। यहां तक की केटरिंग मैनेजर राज त्रिपाठी को भी कॉल करने पर उसने फोन अटेंड नहीं किया।
जस्टिस ने रेलवे की इस अव्यवस्था से हुई दिक्कत पर खासी नाराजगी जताई है। इसको लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष श्रीवास्तव के वायरल हो रहे पत्र में रेलवे के जनरल मैनेजर को लिखा गया है कि जस्टिस चौधरी ने रेलवे अधिकारी, जीआरपी व पेंट्रीकार मैनेजर को जवाब-तलब किया है।