बोरुंदा। कृषि विश्वविद्यालय मण्डोर के कुलपति एवं प्रोफेसर बी.आर.चौधरी एवं कृषि अनुसंधान के क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान एम.एल. मेहरिया ने कहा कि बागवानी खेती का उपयुक्त समय है। नीबूं, बेर, अनार इत्यादि बागवानी खेती को अपनाकर फसल के साथ साथ नगदी आय का खेती में वांच्छित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। बागवानी खेती को अपनाने के लिए मृदा व सिचांई जल का परीक्षण पश्चात अच्छी किस्मों के पौधों का चयन करना चाहिये। आधुनिक खेती में विभिन्न उन्नत कृषि तकनीकी नवाचार को अपनाना महत्वपूर्ण है। कृषि अनुसंधान केन्द्र मण्डोर किसानों के लिए खेती में नये अनुसंधान के लिए प्रयासरत है। बागवानी में जैविक अवययों को अधिक प्राथमिकता की जरूरत है। खेती में फसल चक्र अपनाना खेती का महत्वपूर्ण प्रभावी बिन्दु है। फसल में कीट-व्याधि का प्रकोप होने पर मानक दवा का ही प्रयोग करना चाहिए। अनावश्यक रासायनिक कीटनाशक दवाओं के उपयोग से परहेज करना चाहिये। इस मौके पर सह आचार्य बागवानी डा. हरिदयाल सिंह चौधरी, सहायक कृषि अधिकारी उद्यान रफीक अहमद कुरैशी उपस्थित थे।