आरोपी ने खुद को कोच बताया, नौकरी देने वाले कथित लोगों से करवाई पीड़ित की मुलाकात
जोधपुर। लूणी के एक बेरोजगार युवक ने नौकरी की आस में एक ठग को दस लाख रुपए दे दिए। ठग ने पीड़ित को झांसा दिया कि वह उसकी पीडब्ल्यूडी में सरकारी नौकरी लगवा देगा। इसके लिए उसकी कथित सरकारी कर्मचारियों मुलाकात भी करवाई गई। जब नौकरी नहीं लगी तो युवक ने ठग से अपने पैसे वापस मांगे। बदले में उसे चेक मिले, जो बैंक में जमा करवाने पर बाउंस हो गए। अब पीड़ित ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
दिनेश ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह ग्रेजुएट है और नौकरी की तलाश में था। इसी दरम्यान आशापूर्णा कॉलोनी के सामने, पाल, जोधपुर में रहने वाले देवेन्द्र सिंह से मुलाकात हुई। उसने मुझे बताया कि वह सरकारी नौकरी लगाने का काम करता है। मेरे बेरोजगार होने का पता लगने पर उसने परिचय बताते हुए मेरे से नजदीकीयां बढ़ाई और अपने आपको खेलों में कोच बताया और कहां कि उसकी अच्छे राजनेताओं और बड़े अधिकारीयों के साथ मिलना जुलना है, वह सरकारी नौकरी लगा सकता है। उसने यह भी बताया कि मैंने कई लोगों की नौकरी लगाई और उसने मुझे तीन चार नाम बताये कि मैंने इनको नौकरी लगाई। मैं बेरोजगार होने व सरकारी नौकरी की तलाश में होने से इसकी बातों में आ गया। इसने मुझे बताया कि पीडब्लूडी में नौकरी आई है, लेकिन वहां पर रूपये देने पड़ेंगे, तब ही नौकरी लगेगी और उसने मेरे से 10 लाख रूपये मांगे, तो मैंने उसे बताया कि एक साथ इतने रुपये की व्यवस्था नहीं हो सकती तो उसने बोला कि पैसों की कोई चिन्ता नही, तुम टुकड़ों में रूपये दे देना। जब तुम्हारे द्वारा पूरे रूपये दे दिये जायेंगे, तो तुम्हें नियुक्ति पत्र जारी करवा दिया जाएगा। इस व्यक्ति ने मुझे विश्वास में लेने के लिये तीन चार व्यक्तियों से मिलाया जो अपने आपको उच्चाधिकारी बता रहे थे, और उनके द्वारा यह बताया गया कि जिस दिन आप पूरे रूपये दे देंगे, आपको नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जायेगा। मैंने इस व्यक्ति की बातों पर भरोसा कर लिया और इसके बाद मैंने इधर उधर से व्यवस्था करके समय समय पर टुकड़ों में करीब दस लाख रुपए जून 2022 तक अदा कर दिए।
लंबे समय तक नौकरी नहीं लगी तो पूछने पर हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देता। आखिर जब रूपए वापस मांगे तो इसने चेक दे दिए। दिसंबर 2022 में दस लाख रूपये का अपने हस्ताक्षर करते हुए इबारत भरकर दिया। मई 2023 में इसके घर जाकर बात की तो 30 मई तक खाते में ट्रांसफर का भरोसा देकर रवाना कर दिया। उसके बाद यह न तो मिला, न फोन पर बात की। फरार हो गया।

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